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एग्जिट पोल आने के बाद कहीं चेहरे खिले तो कहीं मुरझाएं


Noida:

जय हिन्द संवाद
लखनऊ। राजनीतिक हलको में इस वक्त चुनावी नतीजों को लेकर ही चर्चाएं की जा रही है। कोई एग्जिट पोल को शत प्रतिशत सही बता रहा है तो कोई गलत साबित करने में लगा है। जबसे एग्जिट पोल आए है तब से कई चेहरे खिल गए है तो कई चेहरों पर मायूसी है।
यदि वोटिंग प्रतिशत पर निगाह डाली जाए तो 2022 के इस चुनाव में 60.31प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2017 में 61.28प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार पिछले चुनाव से 0.94प्रतिशत कम मतदान हुआ है। 2012 में 59.5प्रतिशत मतदान हुआ था। यानी 2017 में 1.2प्रतिशत मतदान में इजाफा होने पर भाजपा को 265 सीटों का फायदा हुआ था।
पिछले 3 चुनावों में इन 54 सीटों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ। 2017 में 1.6प्रतिशत वोटिंग बढऩे पर भाजपा को यहां 25 सीटों का फायदा हुआ था।
पिछले चुनाव के आकड़ों पर करे गौर
2017 में 59.56त्न वोटिंग हुई तो भाजपा को इन 54 सीटों में से 29 पर जीत मिली थी, जबकि 2012 में 57.93प्रतिशत वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को इन 54 सीटों में से महज 4 सीटें मिली थीं। यानी 2017 में 1.6प्रतिशत वोटिंग बढऩे पर भाजपा को 25 सीटों का फायदा हुआ था। सपा को 2012 में इस इलाके में 34 सीटें मिली थीं। 2017 में महज 11 सीटें मिलीं, यानी 1.6प्रतिशत वोटिंग बढऩे पर सपा 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2017 में बसपा को 6 और कांग्रेस को 0 सीट मिली। बसपा को 1 और कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान हुआ।
2012 में सपा को 34 सीटों पर जीत मिली
2012 में इन 54 सीटों पर 57.93प्रतिशत वोटिंग हुई। तब सपा को यहां 54 में से 34 सीटों पर जीत मिली। 2012 में बसपा को यहां की 54 सीटों में से 7, कांग्रेस को 3 सीटों पर जीत मिली थी।
2007 में तकरीबन 48प्रतिशत वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को 5, सपा को 31, बसपा को 14 सीटें मिली थीं। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।
7वें फेज से पहले किस फेज में कितनी हुई वोटिंग-
1. पहले चरण की 58 सीटों पर 62.4प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो 2017 से 1.1त्न कम
पहले चरण में 10 फरवरी को वेस्ट क्क में वोटिंग हुई थी। तब यहां की 58 सीटों पर 62.4प्रतिशत वोटिंग हुई। 2017 में इन 58 सीटों पर औसतन 63.75प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1.1त्न वोटिंग कम हुई है। 2012 में इन्हीं 58 सीटों पर 61.03त्न वोटिंग हुई थी, यानी 2017 में 2त्न से ज्यादा वोट का इजाफा हुआ था।
2. दूसरे चरण की 55 सीटों पर 64.7प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2017 से 1प्रतिशत कम
दूसरे चरण में 64.7प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 55 सीटों पर 65.7 प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1.0 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 55 सीटों पर 65.17 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में करीब 0.36प्रतिशत का इजाफा हुआ था। 2012 में सपा को 29 और 2017 में भाजपा को यहां 33 सीटों का फायदा हुआ। इस बार इन 55 सीटों पर 1प्रतिशत वोटिंग घटी है।
3. तीसरे चरण में 59 सीटों पर 62.2प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2017 से 0.2प्रतिशत कम
तीसरे चरण में 62.2प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2017 में थर्ड फेज में इन्हीं 59 सीटों पर 62.4प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 0.2त्न कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 59.79प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में करीब 2.42प्रतिशत का इजाफा हुआ था। 2012 में सपा को 37 और 2017 में भाजपा को यहां 41 सीटों का फायदा हुआ। इस बार इन 59 सीटों पर 0.7त्न वोटिंग घटी है।
4. चौथे चरण में 59 सीट पर 62.7प्रतिशत वोटिंग हुई, जो पिछले चुनाव से करीब 0.1त्न कम
चौथे चरण में करीब 62.7त्न वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 59 सीटों पर 62.8प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 0.1प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 57.52प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 5त्न का इजाफा हुआ था। 2012 में 8त्न बढऩे पर सपा को 22 और 2017 में 5त्न वोटिंग बढऩे पर भाजपा को यहां 48 सीटों का फायदा हुआ था।
5. पांचवें चरण में 2017 के मुकाबले 0.1 प्रतिशत कम पड़े वोट
पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर 58.3 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि 2017 की बात करें तो 58.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यानी 0.1 प्रतिशत कम वोट पड़े थे। इस बार का मतदान प्रतिशत घटा है। 2012 की बात करें तो 55.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जोकि 2017 से करीब 3 प्रतिशत कम, जबकि 2022 से करीब 2 प्रतिशत कम है।
6. छठे चरण में 2017 से 0.1प्रतिशत कम वोटिंग हुई
छठे फेज में करीब 58.43प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 57 सीटों पर 56.52प्रतिशतमतदान हुआ था, यानी इस बार 0.1प्रतिशत कम वोटिंग हुई है।
2012 में इन्हीं सीटों पर 55.19प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 1.3प्रतिशत का इजाफा हुआ था। 2017 में 1.3प्रतिशत वोटिंग बढऩे पर भाजपा को यहां 38 सीटों का फायदा हुआ था।
सोर्स : विभिन्न अखबार