कीव/मास्को। यूक्रेन पर रूसी हमले का एक बड़ा कारण यूक्रेन का यूरोपीय देशों के सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने की आकांक्षा थी लेकिन अब यूक्रेन की ये इच्छा खत्म होती दिख रही है। ताबड़तोड़ हमलों से यूक्रेन पस्त होता दिखाई दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वो यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर जोर नहीं दे रहे हैं।
जेलेंस्की ने साथ ही ये भी कहा है कि रूस द्वारा मान्यता दिए यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क पर भी वो समझौता करने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण से ठीक पहले यूक्रेन के इन दो क्षेत्रों को स्वतंत्र क्षेत्र की मान्यता दे दी थी। जेलेंस्की ने अमेरिका के टीवी चैनल एबीसी को सोमवार रात एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने नाटो, पुतिन और रूस द्वारा मान्यता दिए गए यूक्रेन के क्षेत्रों पर खुलकर बात की है। उनके इस इंटरव्यू से लगता है कि अब जेलेंस्की रूस के सामने नरम रुख अपना रहे हैं और समझौता के लिए आगे बढऩे को तैयार हैं। जेलेंस्की ने इंटरव्यू के दौरान स्पष्ट किया कि वो इस बात पर अब जोर नहीं दे रहे कि यूक्रेन नेटो में शामिल हो। उन्होंने नाटो से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, ‘मुझे ये समझ आ गया है कि नाटो हमें अपने गठबंधन में शामिल नहीं करना चाहता। जब मुझे ये बात समझ में आई तब मैंने नाटो में शामिल होने के सवाल को पीछे छोड़ दिया। नाटो विवादित चीजों और रूस के साथ टकराव से बेहद डरता है।
यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर स्थिति को स्पष्ट करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि वो एक ऐसे देश के राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते जो घुटनों पर गिरकर भीख मांगता है। रूस का स्पष्ट कहना है कि उनकी कुछ मांगें हैं जिन्हें यूक्रेन मान लेता तो यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई बिना देर किए तुरंत रोक दी जाएगी। रूस ने कहा है कि यूक्रेन अपने संविधान में बदलाव कर ये स्पष्ट करे कि वो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगा. साथ ही रूस की मांग है कि यूक्रेन 2014 में रूस में शामिल अपने हिस्से क्रीमिया को रूसी क्षेत्र की मान्यता दे और दोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्र क्षेत्र की स्थिति को भी मान्यता दे।